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धातृ शब्द (धाता, Creator): ऋकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा, सभी ऋकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | धाता | धातारौ | धातारः |
द्वितीया | धातारम् | धातारौ | धातॄन् |
तृतीया | धात्रा | धातृभ्याम् | धातृभिः |
चतुर्थी | धात्रे | धातृभ्याम् | धातृभ्यः |
पञ्चमी | धातुः | धातृभ्याम् | धातृभ्यः |
षष्ठी | धातुः | धात्रोः | धातॄणाम् |
सप्तमी | धातरि | धात्रोः | धातृषु |
संबोधन | हे धातः ! | हे धातारौ ! | हे धातारः ! |
अनादि शब्द (जिसकी आदि ना हो, Without beginning): इकारांत नपुंसकलिंग संज्ञा, सभी इकारांत नपुंसकलिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | अनादि | अनादिनी | अनादीनि |
द्वितीया | अनादि | अनादिनी | अनादीनि |
तृतीया | अनादिना | अनादिभ्याम् | अनादिभिः |
चतुर्थी | अनादये / अनादिने | अनादिभ्याम् | अनादिभ्यः |
पञ्चमी | अनादेः / अनादिनः | अनादिभ्याम् | अनादिभ्यः |
षष्ठी | अनादेः / अनादिनः | अनाद्योः / अनादिनोः | अनादीनाम् |
सप्तमी | अनादौ / अनादिनि | अनाद्योः / अनादिनोः | अनादिषु |
संबोधन | हे अनादे / अनादि ! | हे अनादिनी ! | हे अनादीनि ! |
स्वादु शब्द (स्वादिष्ट, Tasteful): उकारांत नपुंसकलिंग संज्ञा, सभी उकारांत नपुंसकलिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | स्वादु | स्वादुनी | स्वादूनि |
द्वितीया | स्वादु | स्वादुनी | स्वादूनि |
तृतीया | स्वादुना | स्वादुभ्याम् | स्वादुभि: |
चतुर्थी | स्वादुने/स्वादवे | स्वादुभ्याम् | स्वादुभ्य: |
पन्चमी | स्वादुन:/स्वादों: | स्वादुभ्याम् | स्वादुभ्य: |
षष्ठी | स्वादुन:/स्वादों: | स्वादुनों:/स्वाद्वौ: | स्वादूनाम् |
सप्तमी | स्वादुनि/स्वादौ | स्वादुनों:/स्वाद्वौ: | स्वादुषु |
सम्बोधन | हे स्वादों/स्वादु ! | हे स्वादुनी ! | हे स्वादूनि ! |
मधु शब्द (शहद, Honey): उकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा, सभी उकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | मधु | मधुनी | मधूनि |
द्वितीया | मधु | मधुनी | मधूनि |
तृतीया | मधुना | मधुभ्याम् | मधुभिः |
चतुर्थी | मधुने | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
पंचमी | मधुनः | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
षष्ठी | मधुनः | मधुनोः | मधूनाम् |
सप्तमी | मधुनि | मधुनोः | मधुषु |
सम्बोधन | हे मधु/ मधो ! | हे मधुनी ! | हे मधूनि ! |
वारि शब्द (जल, Water): इकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा, सभी इकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | वारि | वारिणि | वारीणि |
द्वितीया | वारि | वारिणी | वारीणि |
तृतीया | वारिणा | वारिभ्याम् | वारिभिः |
चतुर्थी | वारिणे | वारिभ्याम् | वारिभ्यः |
पंचमी | वारिणः | वारिभ्याम् | वारिभ्यः |
षष्ठी | वारिणः | वारिणोः | वारीणाम् |
सप्तमी | वारिणि | वारिणोः | वारिषु |
सम्बोधन | हे वारि ! | हे वारिणी ! | हे वारीणि ! |
दधि शब्द (दही, Curd): इकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा, सभी इकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है। जैसे – सक्थि(जंधा), अस्थि, अक्षि आदि।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | दधि | दधिनी | दधीनि |
द्वितीया | दधि | दधिनी | दधीनि |
तृतीया | दध्ना | दधिभ्याम् | दधिभिः |
चतुर्थी | दध्ने | दधिभ्याम् | दधिभ्यः |
पंचमी | दध्नः | दधिभ्याम् | दधिभ्यः |
षष्ठी | दध्नः | दध्नोः | दधीनाम् |
सप्तमी | दध्नि / दधनि | दध्नोः | दधिषु |
संबोधन | हे दधे / दधि ! | हे दधिनी ! | हे दधीनि ! |
फल शब्द (Fruit): अकारान्त नपुंसकलिंग , सभी अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के रूप इसी प्रकार बनाते है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | फलम् | फले | फलानि |
द्वितीया | फलम् | फले | फलानि |
तृतीया | फलेन | फलाभ्याम् | फलैः |
चतुर्थी | फलाय | फलाभ्याम् | फलेभ्यः |
पंचमी | फलात् | फलाभ्याम् | फलेभ्यः |
षष्ठी | फलस्य | फलयोः | फलानाम् |
सप्तमी | फले | फलयोः | फलेषु |
सम्बोधन | हे फलम् ! | हे फले ! | हे फलानि ! |
स्वसृ शब्द (बहिन, Sister): ऋकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञा, सभी ऋकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | स्वसा | स्वसारौ | स्वसारः |
द्वितीया | स्वसारम् | स्वसारौ | स्वसॄः |
तृतीया | स्वस्रा | स्वसृभ्याम् | स्वसृभिः |
चतुर्थी | स्वस्रे | स्वसृभ्याम् | स्वसृभ्यः |
पञ्चमी | स्वसुः | स्वसृभ्याम् | स्वसृभ्यः |
षष्ठी | स्वसुः | स्वस्रोः | स्वसॄणाम् |
सप्तमी | स्वसरि | स्वस्रोः | स्वसृषु |
संबोधन | हे स्वसः ! | हे स्वसारौ ! | हे स्वसारः ! |
मातृ शब्द (माता) : ऋकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञा, सभी ऋकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है। परन्तु स्वसृ का रूप थोड़ा भिन्न होता है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | माता | मातरौ | मातरः |
द्वितीया | मातरम् | मातरौ | मातृ |
तृतीया | मात्रा | मातृभ्याम् | मातृभिः |
चतुर्थी | मात्रे | मातृभ्याम् | मातृभ्यः |
पंचमी | मातुः | मातृभ्याम् | मातृभ्यः |
षष्ठी | मातुः | मात्रोः | मातृणाम् |
सप्तमी | मातरि | मात्रोः | मातृषु |
सम्बोधन | हे माता ! | हे मातरौ ! | हे मातरः ! |
भू शब्द (पृथ्वी, earth): ऊकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञा, सभी ऊकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है। भ्रू के रूप भी ‘भू’ की तरह ही होते है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | भू: | भुवौ | भुव: |
द्वितीया | भुवम् | भुवौ | भुव: |
तृतीया | भुवा | भूभ्याम् | भूभि: |
चतुर्थी | भुवै/भुवे | भूभ्याम् | भूभ्य: |
पंचमी | भुवा:/भुव: | भूभ्याम् | भूभ्य: |
षष्ठी | भुवा:/भुव: | भुवो: | भूनाम्/भुवाम् |
सप्तमी | भुवाम्/भुवि | भुवो: | भूषु |
सम्बोधन | हे भू: ! | हे भुवौ ! | हे भुव: ! |